Friday, June 19, 2009

सपने सुहाने..पचपन के.....

परिस्थिति लाख विपरित हो पर लालूजी ने घबराना नहीं सीखा, आज न घर के है न घाट के, पर जोश में कोई कमी नहीं आई है, पचपन पार के हो चले हैं, पार बातें आज भी बचकानी ही करते हैं......
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11 comments:

  1. वाह!! क्या बात है ।क्या हौसला है!!
    बहुत बढिया!!

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  2. bahut khoob ,
    lalu ke bare me aur jankari de

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  3. achchha laga
    bhut khoob
    swagat hai aapka

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  4. बहुतै धाँसू आइडिया लाये हैं लेकिन थोड़ी देर हो गयी है। लालू के करिश्माई गुब्बारे की हवा निकल चुकी है अब। इतिहास में दफ़न होने की राह पर जा रहे हैं। बहरहाल आपके प्रयास की सफलता हेतु शुभकामनाएं।

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  5. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है.

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  6. लालटेन की लाईट में चकचका गये.....लालू जी...

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  7. भई अगर इनका बस चले तो ये देश में "मोमबत्ती राज" भी ले आएं..:)

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  8. जो भी है.......... लालू जी के होंसले को दाद ............. टी वी देखने का मज़ा कम हो गया है आजकल

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  9. Suder hai.
    चिट्ठो की दुनिया में आपका स्वागत है.
    मेरे ब्लॉग पर भी पधारे....
    - गंगू तेली

    http://gangu-teli.blogspot.com

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  10. हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |

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